ट्रिपल लेयर मास्क बना नि:शुल्क बांट रही युवती,

ट्रिपल लेयर मास्क बना नि:शुल्क बांट रही युवती,


माँ कुछ ही दिन पहले लकवाग्रस्त्त होकर  बिस्तर पर है,


      फतेहपुर ,सदर कोतवाली क्षेत्र के चित्रांशनगर इलाके की रहने वाली रिंकी गांधी आश्रम से खादी के कपड़े मंगवाकर सूती कपड़े का ट्रिपल लेयर मास्क बना रही हैं। घर में मास्क तैयार होने के बाद उसे लोगों के बीच निःशुल्क वितरित किया जाता है। घर में रखी हाथ से चलने वाली छोटी सिलाई की मशीन पर ही मास्क बना रही रिंकी दिनभर में 150 से 200 मास्क तैयार कर लेती हैं। मास्क बांटने में इस बात का खास ध्यान रखा जाता है। कि निःशुल्क वितरित होने वाला यह मास्क गरीबों और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों तक पहुंचाया जा सके। मास्क बांटने जाने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान तो रखते ही हैं। जिन्हें मास्क का वितरण किया जाता है। उन्हें कोरोना के खतरे से अवगत भी कराते हैं। साथ ही उन्हें मास्क पहनने से होने वाले कोरोना के बचाव के बारे में भी बताया जाता है।


मां को है लकवा


कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रही रिंकी का कहना है। कि दुकानें बंद होने के चलते उसे बाजार से प्लास्टिक की डोरी नही मिल पा रही है। जिसके विकल्प के रूप में वह सूती कपड़े की डोरी बनाकर मास्क के दोनों कोनों पर सिल देती हैं। जिससे मास्क लगाने में कोई दिक्कत न हो। मास्क बना रही रिंकी की मां पार्वती को कुछ दिन पहले लकवा मार गया था। जिसके चलते उसकी मां चल फिर नहीं सकतीं. उसके बावजूद रिंकी अपने मां की सेवा करने के साथ ही लोगों को कोरोना के खतरे से बचाने में लगी हुई हैं।
इस काम मे रिंकी का सहयोग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पटेल बताते हैं। कि लॉकडाउन होने के चलते रिंकी को खादी भंडार से जाकर वहां से कपड़ा लाने में काफी दिक्कत हो रही थी। जिसपर वह खादी आश्रम से कपड़े लाकर रिंकी को उपलब्ध कराते है। मास्क तैयार होने के बाद उसके वितरण की जिम्मेदारी भी राजेश और उनके साथियों के ऊपर रहती है।