भदोही में पांच बच्चों की मौत का मामला

भदोही में पांच बच्चों की मौत का मामला -
दो प्रमुख मीडिया हाउस सहित छह के खिलाफ मामला दर्ज    आईएनएस और बिजनेस इन साइड भी आते लपेटे में,          मेरठ और राजस्थान के यूजर्स पर भी दर्ज हुए मामले


  उत्तर प्रदेश।  भदोही जिले में रविवार को गंगा में डूबने से पांच बच्चों की हुई मौत पर तथ्यहीन ख़बर प्रकाशन पर सोमवार को छह लोगों के खिलाफ गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें समाचार एजेंसी आईएनएस व बिजनेस इनसाइड के सम्पादक और रिपोर्टरों के नाम शामिल हैं। अन्य उन दो लोगों के खिलाफ भी भदोही में मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने फ़ेसबुक पर "भूख से मौत " का उल्लेख किया था। इसमें एक व्यक्ति मेरठ का है जबकि दूसरा राजस्थान का है। पुलिस अधीक्षक भदोही ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। इस सम्बंध में सम्बन्धित मीडिया हाउस और दूसरे लोगों की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं मिल सकी है।


भदोही के जिला प्रशासन का दावा है कि समाचार एजेंसी आईएनएस और बिजनेस इनसाइडर ने गंगा में डूबने से पांच बच्चों की मौत की झूठी ख़बर प्रकाशित की थी। ख़बर में यह दर्शाया गया है कि लॉकडाउन के कारण भोजन न मिल पाने से आहत भदोही की महिला मंजू ने अपने बच्चों को गंगा में फेंक दिया।  ख़बर पर राष्ट्रीय स्तर में हलचल पैदा हो गयी और बहस,ट्वीट,रिट्वीट का दौर चल पड़ा। मामले पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल खडे़ हुए और आलोचनाओं का शिकार हुई।  शासन ने इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए दोनों मीडिया संस्थानों के प्रमुख और संबंधित रिपोर्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इनके अलावा दो लोग  मेरठ के सलीम सिद्दीकी और राजस्थान के हंसराज मीणा के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों ने अपनी फ़ेसबुक वाल पर "भूख से मौत" का उल्लेख किया था। 


जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद और पुलिस अधीक्षक आरबी सिंह ने वीडियो जारी कर भूख से मौत को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है। जिलाधिकारी ने बताया कि कि रविवार को गोपीगंज कोतवाली के जहांगीराबाद गाँव में एक महिला का उसके नशेबाज पति से हुए विवाद के कारण  घटना होना प्रकाश में आया है।  शनिवार की रात आरोपी महिला अपने  बच्चों को गंगा में फेंक दिया था जबकि वह बच गई। डीएम के अनुसार महिला मानसिक विक्षिप्त है। 


जिलाधिकारी का दावा है कि उसका पति नशा करता है। पाँचों बच्चों की मौत से भूख का कोई सम्बन्ध नहीँ है। लॉकडाउन की वजह से किसी भी परिवार को कोई दिक्कत नहीँ है। जिले भर में राशन की दुकानों से राशन बांटा जा रहा है। पुलिस लोगों के घर तक भोजन पहुँचा रही है। जिले भर में 11 सामुदायिक रसोई चल रही है। जिस परिवार में यह हादसा हुआ है वह अच्छा परिवार है। घटना बेहद दु:खद है। लेकिन कुछ मीडिया और पोर्टल से लॉकडाउन की वजह से परिवार भोजन उपलब्ध न होने की वजह से बच्चों को गंगा में डुबोने की ख़बर प्रसारित की है जो झूठ है। 


पुलिस अधीक्षक आरबी सिंह ने भी कहां है कि यह भ्रामक ख़बर है भूख से बच्चों की मौत से कोई सम्बन्ध नहीँ है। पुलिस लोगों तक अन्नपूर्णा बैंक के ज़रिए खुद भोजन पहुँचा रही है। पांच बच्चों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है और यह दु:खद घटना है। लेकिन लॉकडाउन और भूख से इसका कोई सम्बन्ध नहीँ है। 
पुलिस अधीक्षक ने बातचीत में बताया कि झूठी ख़बर फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसमें दो मीडिया संस्थान सम्पादक , रिपोर्टर के साथ कुल छह लोग शामिल हैं।