बैंक फ्रेंचाइजी व प्रधान मिलकर खा रहे मजदूरों का हक!

बैंक फ्रेंचाइजी व प्रधान मिलकर खा रहे मजदूरों का हक!


प्रशासन  निष्पक्ष जांच कराये तो चौंकाने वाला सच आ सकता है सामने!


 फतेहपुर, वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचने हेतु देश में लाकडाउन घोषित किया गया है। इस समस्या के कारण ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में खासकर दिहाड़ी मजदूर, मनरेगा मजदूर,विधवा,विकलांग परिवार को रोजी रोटी का गंभीर संकट हो गया है। जिसके निदान के लिए शासन द्वारा ₹1000 विकलांगों, विधवाओं, मनरेगा मजदूरों व पंजीकृत मजदूरों सहित निम्न आय वर्ग के लोगों को शासन द्वारा मदद दी जा रही है जिससे वह लाकडाउन के दौरान दो जून की रोटी के लिए परेशान ना हों।  गांव में खुली बैंक फ्रेंचाइजीयों से ग्रामीण रुपये निकाल रहे हैं।  व्यवस्था के तहत फ्रेंचाइजी वाले  चेक करने के नाम पर अंगूठा लगवा कर "नहीं आया" कहकर खाता धारकों को वापस कर देते हैं और गरीबों का पैसा ड्रा कर लेते हैं । मजदूर  पढ़ा लिखा न  होनेके कारण बैंक की मुख्य शाखा तक नहीं पहुंच पा रहे हैं । इस मामले में कुछ प्रधान भी शामिल हैं जो मनरेगा जॉब कार्ड धारक गरीब व विधवा महिलाओं से अंगूठा लगवा कर पैसे अपने पास रख रहे हैं। 


कई दिनों से सोशल मीडिया में जनपद के कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं। क्योंकि गांव में दबंग  प्रधानोंके खिलाफ कोई बोलने का साहस नहीं करता इसलिए यह मामले शासन व प्रशासन की निगाह में नहीं आ रहे हैं । स्थिति बेहतर नहीं है गरीबों को "पैसा नहीं" आया कह कर यह खेल लंबे समय से खेला जा रहा है। कई फ्रेंचाइजी धारकों की शिकायतें भी होती हैं, लेकिन सेटिंग करके मामले निपटा लिये जाते हैं।  फ्रेंचाइजीयों पर कार्रवाई के नाम पर जिले में संख्या न के बराबर है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं ।सम्मान निधि,पेंशन,वजीफा, शादी अनुदान सहित यह खाताधारकों के साथ लंबे समय से घालमेल करते आ रहे हैं। शासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है नहीं तो शासन की मंशा  के अनुरूप गरीबों का हक गरीबों को नहीं मिल पाएगा। ये समस्या लगभग पूरे जिले में है। प्रधान व पंचायत मित्रों द्वारा जाब कार्ड जमा कराये जा रहे हैं जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।