शुक्र है जिले में कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं

शुक्र है जिले में कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं       फतेहपुर, उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार फतेहपुर जीविकोपार्जन के लिये सबसे अधिक पलायन के लिए भी जाना जाता है । जिले के पिछड़ेपन के चलते देश के तमाम प्रदेशों और महानगरों के लिए यहां से भारी संख्या में पलायन होता रहा है। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लॉक डाउन के चलते भारी संख्या में पलायन किए गए युवा अपने घरों को लौटे हैं ।                        जिला प्रशासन को इस बात का अंदेशा था कि महानगरों से लौटे युवाओं के द्वारा जिले में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है लेकिन आज तक कई संदिग्धों के कोरोना जांच हेतु भेजे गये सैम्पुल के रिजल्ट नेगेटिव आने से जिला प्रशासन सहित आम लोगों ने राहत की सांस ली है ।            वैसे तो जिले में करोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से लाॅक डाउन लागू कराया जा रहा है। गांवों की सीमाएं सील करते हुए  पड़ोसी जनपदों को जोड़ने वाली  जनपद की सभी सीमाओं को बंद कर दिया गया है ।लाॅक डाउन को लागू करने में आम जनता का भी पूरा सहयोग मिल रहा है ।सड़कें सूनी है, बाजारों में सन्नाटा है और लोग कोरोना के संक्रमण की दहशत के साथ ही जिला प्रशासन से लेकर सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अधिकाधिक पालन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।     जिला अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि जिले में अभी तक एक भी कोरोना संक्रमित केस नहीं मिला है, जो भी बाहर से आए लोग हैं उनका चिन्हीकरण करके उनका परीक्षण कराया जा चुका है। अंदेशा और आशंका के आधार पर 59 लोगों का सैंपल जांच के लिए अब तक भेजा गया है जिनमें दो को छोड़कर सभी की रिपोर्ट आ गई है जिनमें एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है शेष दो की रिपोर्ट भी दो-तीन दिन के अंदर मिल जाएगी। बताया कि बाहर देश से आये 263 लोगों में से 261 का परीक्षण जिला चिकित्सालय की टीम से कराया गया जिनमें किसी में भी संक्रमण नहीं पाया गया है।उन्होंने कहा लाॅक डाउन का पूरी तरह अनुपालन कराया जा रहा है। ऐसे सभी परिवार जो दिहाडी़ पर जीविका चला रहे थे, उनको खाद्य सामग्री वितरित कराई जा रही है। यह संतोष की बात है कि अभी तक जिले में कोरोना संक्रमण का एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिला है।