कोरोना की दहशत!
बुज़ुर्ग की लाश को नहीं मिला कंधा तो हांथ ठेला से ले गये श्मशान
बस्ती। बुजुर्ग पूर्णमासी ने जीते जी कभी सपने में भी नही सोचा होगा कि मरने के बाद उसकी लाश को कंधा भी नसीब नही होगा। लेकिन ८५ साल के पूर्णमासी के साथ ऐसा ही हुआ। सोमवार को पूर्णमासी की मौत हो गई। लेकिन कोरोना का डर और लॉकडाउन की सख्ती की वजह से उनके बेटे श्यामलाल को अपने बुजुर्ग पिता की लाश को हांथ ठेले पर लादकर अंतिम संस्कार के लिए शमशान ले जाना पड़ा।
मामला सदर कोतवाली के पिकारा दत्तू राय मोहल्ले का है। जहाँ शव को बिना कंधा दिये ठेले पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। दाह संस्कार करके लौटे मृतक के बेटे श्याम लाल ने बताया कि सुबह घर से फोन आया कि पिता पूर्णमासी की मृत्यु हो चुकी है। यह सुनकर जब घर पहुंचे तो वहां मोहल्ले के लोगो ने कहाकि लॉक डाउन के कारण अंतिम संस्कार के लिए पुलिस से पूछना पड़ेगा। थाना पुलिस ने कहा कि एसडीएम के परमिशन के बाद ही लाश का अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
पुलिस ने इस बात की भी हिदायत दी कि लाश को किसी वाहन पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ेगा। अगर वाहन की व्यवस्था नहीं है तो एक मीटर की दूरी बनाकर शव का अंतिम संस्कार करने ले जा सकते है। श्याम लाल ने बताया कि चार पहिया वाहन की व्यवस्था नही कर पाए। इस वजह से शव को ठेले पर रखकर 3 लोग अंतिम संस्कार के लिए ले गए। हालांकि कुछ देर बाद मोहल्ले के लोग भी अंतिम संस्कार के लिये शमशान पहुंचे।